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सुषमा जोशी दुबे

विभिन्न पत्र पत्रिकाओ में २५० से अधिक कहानियाँ, कविताएँ, आलेख, लघुकथाएँ एवं संस्मरण प्रकाशित। नव साक्षरों हेतु लगभग १२ पुस्तक में लेखन कार्य तथा ४० से अधिक पुस्तको का संपादन। कुछ नव-कह मुकरियाँ।

  कहमुकरियाँ


१.
सारे दुख औ’ दर्द भगाय
सबके मन में वो बस जाय
और मौत से ले ले टक्कर
के, भगवान? ना ना, डॉक्टर !!

२.
मिल जाता बिन कौड़ी दाम
बिन उसके रुकते सब काम
क्या सेवक, क्या राजा-रानी
क्या वो भगवन? ना ना, पानी!

३.
उसके बिना न भोजन भाता
जन जन उसके लिए कमाता
कोई पतली कोई मोटी
क्या सखि पत्नी? ना सखि रोटी !

४.
रात-रात भर मुझे जगाए
नींदों में भी खूब सताए
लेने ना दे तनिक विश्राम
क्या सखि साजन? ना एग्जाम !!

५.
वो तो है सबसे बलवान
उसके बस में हर इंसान
उसके आगे सब बेहाल
क्या सखि योद्धा? ना सखि काल !

१९ मई २०१४

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