अनुभूति में
सावित्री डागा की रचनाएँ-
हाइकु में-
सत्रह बूँदों में
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सत्रह बूँदों
में
१
हाइकु रचना
सत्रह बूँदों में ही
सिंधु भरना
२
कविता जब
सूक्ष्मतंम हो जाती
हाइकु होती
३
छोटी सी बात
अंतर को छू जाती
कला हो जाती
४
खेत हमारे
प्यार के मीठे गीत
श्रम है गाता
५
न जाने कब
बदली सी उमड़ी
आती कविता
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६
पहुँचा होगा
संदेशा मेरा उन्हें
वर्षा -बूँदों से
७
चाँदनी बनी
अमृत बरसाती
सर्दी की धूप
८
चाँदनी आती
हरसिंगार बेला
साथ में लाती
९
सूखता नहीं
यह प्रेम का वट
तुम्हारा बोया
१०
नूतन वर्ष
काल द्वारा थमाई
नई किताब
२४ फरवरी
२०१४ |