अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

निवेदिता श्रीवास्तव निवी

जन्म- १९ जुलाई, १९६४ को उ.प्र. के शहर गोरखपुर में।
शिक्षा- अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि। प्रयाग संगीत समिति से उपशास्त्रीय गायन तथा सितार वादम में 'प्रवीण' की उपाधि।

कार्यक्षेत्र-
स्वतंत्र लेखन के साथ-साथ यू ट्यूब, फेसबुक समूह आदि पर साहित्यिक संवादों में सक्रिय।

प्रकाशित कृतियाँ-
कुछ ख्वाब कुछ ख्वाहिशें (युगल काव्य-संग्रह)
कतरा चाँद का (एकल काव्य-संग्रह)
लहरों से टकराते एहसास (एकल लघुकथा संग्रह )
गीत मेरे मनमीत (एकल गीत संग्रह)
दो कृतियों का संपादन
साझा काव्य संग्रह : भाव कलश और लकीरें

पुरस्कार व सम्मान- अनेक साहित्यिक और सांस्कृतिक सम्मानों से अलंकृत

संप्रति- स्वतंत्र लेखन
ई मेल- nivedita.niveditasrivastava@gmail

 

हाइकु


काया किसकी
बादल की सिसकी
आयी हिचकी।

अम्बर रोया
महावर को धोया
सपना खोया।

आया बसन्त
खिले हैं उपवन
मन पावन।

पुष्प विहँसा
बसंती बयार है
क्या निखार है।

ऋतु बसन्त
सुरभित पवन
नाच रे मन।

१ जुलाई २०२३

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter