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माँ
के लिये
हाइकु दर्पण से साभार |
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डाँटती है माँ
नहीं रोता है बच्चा
रोती है माँ
—पुरुषोत्तम दीवान
गोद मैया की
नेह वात्सल्य भरी
सर्वदा हरी
—सरला अग्रवाल
माँ का आँचल
ममता भरी छाँव
प्यारा सा गाँव
—रंजना श्रीवास्तव रंजू
बच्चे का रोना
हर लेता है माँ का
चैन से सोना
—जवाहर इंदु
माँ तेरे बोल
ममता अनमोल
माप न तोल
माँ का आँचल
ममता का कवच
अभेद्य सच
—वृन्दावन वर्मा |
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क्या अनुपम
धरती माँ तुम हो
सृजनशीला
चाह कर भी
क्या कोई भुला सका
अपनी माँ को
ऐश्वर्यशाली
तुम सा न कोई है
माँ धरा पर
—माधुरी जैन
रक्षा करता
हर मुसीबत से
माँ का आंचल।
जान लेती है
बच्चे के मन को माँ
बिन बोले ही।
मिटा देती है
माँ की सारी थकान
बच्चे की हँसी।
—ईप्सा
खाता है बेटा
तृप्त हो जाती है माँ
बिना खाए ही
—कमलेश भट्ट कमल
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