अमिता कौंडल
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हिमाचल
प्रदेश की निवासी अमिता कौंडल अभी कुछ समय से अमेरिका में
अस्थाई रूप से रह रही हैं। सूक्ष्म एवं आण्विक जीव विज्ञान में
पी-एच.डी. की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी बचपन से कविताओं के
शौक ने उन्हें साहित्य और संस्कृति से अलग नहीं होने दिया। कुछ
इंटरनेट पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।
ईमेल-
a75_kaundal@yahoo.com
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हाइकु
जवान बेटा
बूढ़े हुए माँ बाप
ठौर वृद्धाश्रम
कोमल हाथ
कलम की जगह
लिए कुदाल
ये बचपन
कचरे में ढूँढता
खाने को अन्न
हाय गरीबी
जिस पर पड़ती
उसने जानी
फैशन मार
गायब अब साड़ी
जींस तैयार
माँ की दो आँखे
प्रभु का आशीर्वाद
है मेरे पास
रात अकेली
सपने भी अँधेरे
बस ये यादें
ख़ुशी के बाद
गम का अहसास
कुछ ज्यादा
नयन सूखे
प्रतीक्षा में सनम
तुम न आये
माँ का आँचल
सुख का उपवन
खो गया कहीं
सूने नयन
विरहन का दर्द
किसको पता
२७ जून २०११
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