रतनप्रेमी
प्रजापति
जन्म- २१ नवंबर
१९४६ को पलसूद, जिला बड़वानी म. प्र. में।
शिक्षा- माध्यमिक ( पलसूद )
कार्यक्षेत्र- कृषि एवं स्वतंत्र लेखन
प्रकाशित कृतियाँ-
श्री गौ चालीसा व अन्य पत्र पत्रिकाओं में दोहे गीत चौपाई आदि
प्रकाशित।
पुरस्कार व सम्मान-
साहित्यिक एवं सांस्कृतिक सेवाओं के लिये मा. संघ प्रमुख श्री
मोहन भागवत जी द्वारा पुरस्कार से सम्मानित।
संप्रति- गीत लेखन।
ईमेल- ratanpremi555@gmail.com
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गो माता
गौ माता देवे सदा, बिन माँगे वरदान
ममता प्रेम सनेह यश, माँ के चारों थान
श्रद्धावत् जो भी करे, पंचगव्य का पान
रोग नशे व्याधी घटे, बढ़े बुद्धि अरु ज्ञान
जिस घर में माँ को मिले, निश दिन ही आहार
उस घर में माता भरे, अन्न धन के भंडार
माँ का जो पूजन करे, प्रेम सहित सम्पन्न
दुख-दारिद्र्य विनष्ट हो, मानस रहे प्रसन्न
भोजन से पहले जहाँ, नित निकले गौ ग्रास
सुख-समृद्धी प्राप्त हो, और मिटे यम त्रास
गौ माता में प्रकृति का, है ऐसा गुण व्याप्त
जिससे आठों प्रहर ही, प्राण-वायु हो प्राप्त
१ सितंबर
२०१६ |