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राकेश शरद

 

बड़े लोग

मनुआ या संसार में, भाँति -भाँति के लोग ,
वो ही नर सबसे बड़ा, जिसको ज्यादा रोग।

बिना नमक भोजन करे, बिन चीनी की चाय ,
खुद गोली खाता फिरे, तुमको माल खिलाय।

रुखी सूखी खा रहे, वे हें छोटे लोग,
मदिरा अंडा मांस हें, बड़े व्यक्ति के भोग।

इक -दो कम्बल दान कर, जो फोटो खिंचवाय,
छपवा के अखवार में, भामा शाह कहाय।

घर दूकाने चल-अचल, मारपीट हथियाय,
ये सेवक इक रात में, अरबपति बन जाय।

८ जून २००९

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