बेटी
दीप गुगल पावन बनी ज्यों मंदिर का द्वार
बेटी घर की लाज है बेटी घर का प्यार
पंचदेव का वास हो सुख आनंद बहार
जिस घर बेटी जन्म ले पले वहां संस्कार
मान मोह मन मानिनी मंद मंद मुस्कान
बेटी कोमल भावना बेटी घर की शान
बेटी मंद बयार सी मीठी मीठी गंध
जीवन काग़ज़ पर लिखे ममता का नव छंद
पूनम की है चांदनी ऋतुओं का नव रूप
सपनों का आधार है बेटी मीठी धूप
केसर, कमल, कनक, कला फूलों का उपहार
बेटी मन की छांव है बेटी बहती धार
२० जुलाई २००९
१ जुलाई २००५
|