अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

डॉ. चंद्रशेखर जोशी

जन्म: ३१ अक्टूबर १९६३, ग्राम - सगनेती ( द्वाराहाट) उत्तराखंड

शिक्षा : के०जी०मेडिकल कालेज, लखनऊ से एम० बी० बी० एस० तथा एम० डी० (मेडीसिन)

सम्प्रति: खटीमा ( उत्तराखंड) में चिकित्सक , पत्र - पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित।

 

सात छोटी कविताएँ

१. धनी बचपन

एक कमरा आधा बना
बस्ता टाँगे पीपल का तना।

कमेटी सलेटी कलम दवात
गुल्ली डंडा कंचे साथ।

नन्हीं अंगुली स्याही से सनी
मेरा बचपन कितना धनी।

२. चुनाव

नदियों से
बारिश में
डर नहीं।

बचो उनसे
जो नाले हैं
नदी नहीं।

३. बाढ़

पहाड़ों में
बादल रोए
और नीचे लोग।

पहाड़ों ने
पाप धोए
चढ़ाकर
लाशों के भोग।

४. अख़बार

जलालत और जुल्मों पर
प्यार भर पैनी नजर।
कल के कत्लों की
कतरा - कतरा ख़बर।

अखबार !
धन्य तुम्हारा समर्पण है
लोग कहते हैं
समाज का दर्पण है।

५. मसाला

उस शाम बाजार में
भिखरिन मर गई।

अख़बार को खबर
कवि को कविता
पुलिस को लाश
मुफ्त में मिल गई।

६. परिपक्वता

ऊपर पहाड़ की चोटी
नीचे सँकरी तलहटी
जिसमें बचपन सी चमकती
एक चंचल नदी
सयानी होगी
घर छोड़ने के बाद।

७. सलोनी साँझ

बिखराए बुराँश सड़कों पर
एक लजाती शाम मिली।

फैलाए मैला - सा आँचल
ठंडी बूढ़ी घाम मिली।

करती फिरती चिटपिट - चिटपिट
फुदकती चिड़िया बेनाम मिली।

१२ दिसंबर २०११

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter