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नमन
कोदंडधारी को |
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नेमि के अजिर विहारी को
नमन कोदंडधारी को
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जनम लेकर धरा पर
जो जगत को तारने आया
ऋषी मुनियों की रखवाली में
था वनवास अपनाया
बना जो धर्म का रक्षक
नमन उस धर्मचारी को
नमन कोदंडधारी को
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समाजिक रीतियों से जो
कभी भी नहीं घबराया
निभाए वचन सबके ही
नहीं विद्वेष अपनाया
चुनी मर्यादाएँ जिसने
नमन उस संस्कारी को
नमन कोदंडधारी को
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जो मंगल का भवन है औ'
अमंगल दूर करता है
शिलाओं में भी जीवन-
दानकर अमरत्व भरता है
जो हर मन के तमस हरता
नमन उस चमत्कारी को
नमन कोदंडधारी को
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पूर्णिमा वर्मन |
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इस माह
(कोदंड विशेषांक के अंतर्गत)
गीतों में-
छंदों में-
छंदमुक्त
में-
अंजुमन में-
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